My heart is weary
A heart that knows
One Master
Who delivers from bondage ,
But perforce
Obeys
Enslaving another
Whose chains
Forever cut deeper –
And whose lashes
Lay bare
Such wounds ,
I wonder
If time would ever heal .
______________________________________________________
=========================
Hindi transliteration dt 05 March 2018
______________________________________________________
=========================
Hindi transliteration dt 05 March 2018
ज़ख्म गहरे होते चले है
-------------------------------------
अब दिल थक चुका है ;
वो जानता है उस मालिक को
जो बंधनो को काटता है ,
मगर मानता है उस को
जो बंधनो से बांधता है -
जिसकी ज़ंजीरो ने
उम्र को जकड रख्हा है ;
और जिसके घाव से
ज़ख्म गहरे होते चले है ;
क्या आएगा कभी
वो समय
जो
मरहम लगाएगा ?
वो जानता है उस मालिक को
जो बंधनो को काटता है ,
मगर मानता है उस को
जो बंधनो से बांधता है -
जिसकी ज़ंजीरो ने
उम्र को जकड रख्हा है ;
और जिसके घाव से
ज़ख्म गहरे होते चले है ;
क्या आएगा कभी
वो समय
जो
मरहम लगाएगा ?
No comments:
Post a Comment